जानिए ताजमहल का इतिहास और जानकारी – (Tajmahal History and Information in hindi)

Hello guys, आप सबको तो पता ही होगा  दुनिया के सात अजुबे (7 wonders of the world) तो उनमेसे आपने ताजमहल के बारे  मे तो सुना ही होगा तो इस article मे हम आपको ताजमहल का इतिहास और जानकारी देंगे.

अगर आप ताजमहल के बारे मे जानकारी हासिल करना चाहते हो. तो यह Article आप के लिये हे. हम आपको इस Article मे ताजमहल के बारे मे पुरी जानकारी देने का प्रयास करेंगे बस आप इस Article पुरा पढे ताकी आप ताजमहल के बारे मे जान सके.

ताजमहल का इतिहास और जानकारी
ताजमहल का इतिहास और जानकारी

ताजमहल का इतिहास और जानकारी

जैसे ही हम आग्रा शहर का नाम सूनते है सबसे पहले हमारे मन मे ताजमहाल ही आता है. सफेद संगमरमर से बना यह महल, अमर प्रेम की निशाणी.  ताजमहाल का निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने किया था. ताजमहाल को युनेस्को के द्वारा विश्व स्थान घोषित किया है. यह. अतिउत्तम मानवीय  कृतियो (Exquisite human work) मेसे एक माना जाता है. इस अति उत्तम कृति के बारे मे ऐसा माना जाता है की शाहजहाँ ने ताजमहाल बनाने के बाद अपने सारे कारागिर के हात कटवा दिये गये थे. क्यों की कहा जाता है की यह कृति इतनी खुबसुरत थी ताकी ईसके जैसा कोई और बना ना सके. हम सबने ताजमहाल के बारे मे थोडा बहुत तो सुना ही होगा तो आये जानते है ताजमहल का इतिहास और जानकारी

ताजमहाल कहा पे है? (Where is tajmahal ?) 

ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में, आगरा शहर में यमुना नदी के दक्षिण किनारे पर मौजूद है. मुग़ल बादशाह शाहजहाँ, ने यह मकबरा अपने प्रिय बेगम मुमताज महल खातिर बनाया था. इसका  निर्माण 1632 में किया गया था.

 42 एकड़ में फैला हुआ है यह ताजमहल इसे बनाने के लिए करीब 20 हजार से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। और यह अद्भुत ताजमहल बनाने के लिए 22 वर्ष लग गए थे ( 1631 – 1653 ) तब ताजमहल बनकर पूरा हुआ। इसे कई सारे चरणो में बनाया गया। इसका सिर्फ गुबंद बनाने में 15 साल लगे थे। और उसका बाकी बचा काम 7 वर्षो मे पूरा किया था।

इसे बनाने के वक्त मजदूरों के साथ साथ 1000 हाथियों से काम करवा लिया गया था जो की संगमरमर के पत्थरों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया करते थे।

मुमताज महल के बारे मे ( Information Of Mumtaj Mahal

मुमताज़ महल (फ़ारसी: ممتاز محل; अर्थ:  महल का प्यारा हिस्सा) अर्जुमंद बानो बेगम का अधिक प्रचलित नाम है। इनका जन्म अप्रैल 1593 में आगरा में हुआ था. इनके पिता अब्दुल हसन असफ़ ख़ान एक फारसी सज्जन थे.  मुमताज महल का जन्म आगरा में अर्जुमंद बानू बेगम के घर फारसी कुलीनता के परिवार में हुआ था. १९ वर्ष की उम्र में अर्जुमंद का निकाह शाहजहाँ से 10 मई, 1612 को हुआ. मुमताज़ महल शाहजहाँ की सबसे चहेती पत्नी थी. वह मुमताज़ महल से बहुत प्रेम करते थे. सन  1631 में 37 वर्ष की उम्र में अपनी 14वीं संतान गौहरा बेगम को जन्म देते वक़्त मुमताज़ महल ने अपना दम तोड़ दिया. उनकी याद मे शाहजहाँ ने यह दिव्य स्मारक बनाया था. 

ताजमहल का इतिहास (History of tajmahal)

ताजमहाल ल शाहजहाँ की तीसरी बेगम मुमताज महल की मज़ार है.ताजमहल को “मुमताज़ का मकबरा” भी कहते हैं. मुमताज के गुज़र जाने के बाद उनकी याद में शाहजहाँ ने ताजमहाल  बनवाया था. कहा जाता है कि मुमताज़ महल ने मरते वक्त मकबरा बनाए जाने की ख्वाहिश जताई थी उसके बाद शाहजहाँ ने ताजमहाल बनावाया. 

 ताजमहाल  को सफेद संगमरमर  से बनवाया गया है. इसके चार कोनों में चार मीनारे हैं.  इन सफ़ेद संगमरमर पर कई प्रकार की नक्काशी तथा हीरे जड़ कर ताजमहल की दीवारों को सजाया गया. इस बेहद सुंदर और आर्कषण इमारत के निर्माण में करीब 28 अलग-अलग तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. जो कि हमेशा चमकते रहते हैं और कभी काले नहीं पडते.शाहजहाँ ने इस अद्भूत चीज़ को बनवाने के लिए बगदाद और तुर्की से कारीगर बुलवाए थे. माना जाता है कि ताजमहल बनाने के लिए बगदाद से एक कारीगर बुलवाया गया जो पत्थर पर घुमावदार अक्षरों को तराश सकता था. 

1631 के बाद ही शाहजहाँ ने आधिकारिक रूप से ताजमहल का निर्माण कार्य की घोषणा की तथा 1632 में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया.

सम्पूर्ण ताजमहल का निर्माण 1653 में लगभग 320 लाख रुपये की लागत में हुआ, जिसकी आज की कीमत 52.8 अरब रुपये (827 मिल्यन डॉलर) है.

  • चीन की दीवार की पूरी जानकारी
  • Section of tajmahal

     मकबरा :

    दुनिया की इस सर्वश्रेष्ठ इमारत का मुख्य आर्कषण का केन्द्र शाहजहां की प्रिय बेगम मुमताज महल का मकबरा है. इस मकबरे को बड़े-बड़े सफेद संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाया गया. वहीं इस मकबरे के ऊपर पर गोल गुंबद इसके आर्कषण को और खुबसुरत बना   रहा है. यह मुमताज़ का मकबरा  42 एकर में फैला हुआ है. इसके चारों तरफ से बगीचा है यह बेहद खुबसुरत लगता है. इसके तीन ओर से दीवार बनाई गयी है. इस मकबरे की नींव वर्गाकार है. वर्गाकार के प्रत्येक किनारे 55 मीटर के हैं. असल में इस इमारत का आकार अष्टकोण है.  दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक इस भव्य इमारत की सुंदरता को निहारने के लिए खींचे चले आते हैं. 

    गुंबद :

    मुमताज महल के मकबरे के शिखर पर सफेद संगमरमर से बनाया गया खुबसुरत गुंबद बनाया गया है. यह एक उलटे कलश के जैसे शोभिवंत है. यह कलश फारसी और हिंदू वस्तू कला का मुख्य प्रतिक है. 

    छतरिया :

    गुंबद को सहारा देने के लिए इसके चारों ओर छोटे गुंबद के आकार की छतरियाँ बनाई गयी है. इनके आधार से मुमताज़ महल के मकबरे पर रोशनी पड़ती है. 

    मिनार :

    ताजमहाल के चारो  कोनो पर 40 मीटर चार उची मिनारे है. इन चारों मीनारों का निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि यह चारों मीनार हल्की सी बाहर की तरफ झुकी हुई हैं. इनका बाहर की तरफ झुकाव के पीछे यह तर्क रखा गया कि, इमारत के गिरने की स्थिति में यह मीनारें बाहर की तरफ ही गिरे, जिससे की मुख्य ताजमहल की इमारत को कोई नुकसान न पहुंचे. 

    उम्मीद करते है की आपको हमारे article से ताजमहाल के बारे मे पुरी जानकारी हासील हुई होगी. ऐसी ही अलग अलग जानकारी के लिये हमारे article पढते राहिये… 

    Conclusion

    तो दोस्तो उमीद करता हु कि आप को हमारा यह Article अच्छा लगा होगा. आशा करता हु की आपको ताजमहल का इतिहास और जानकारी यह समझ आ गया होगा. आपको इसके बारे मे पुरी जानकारी इस Article मे मिली होगी.

    यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments मे बता सकते हैं. आपको यह Article कैसा लगा हमे comment मे जरूर बताना.

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