दोस्तों आपने सुना ही होगा 3D प्रिंटर के बारे में। ये 3D Printer क्या है? ये इस आर्टिकल में जानेंगे। इसका मतलब 3 Dimentional प्रिंटर होता है। एक सामान्य प्रिंटर होता है उसको 2D प्रिंटर कहते है और इसका ही advanced version को 3D प्रिंटर कहते है।
आपको पता है इसका नाम ही प्रिंटर है तो ये भी प्रिंटिंग का ही काम करता होगा। ये प्रिंटर रियल ऑब्जेक्ट को 3 dimension में प्रिंट करता है। इसमें एक advanced काम होता है। हम सामान्य प्रिंटर में सिर्फ सामने से ऑब्जेक्ट कैसे दिखता है इसकी प्रिंट निकाल सकते है लेकिन 3D प्रिंटर का उपयोग करके हम वो ऑब्जेक्ट चारों तरफ से कैसे दिखता है ये देख सकते है। तो इस आर्टिकल में और detail जानते है की 3D Printer क्या है? और 3D प्रिंटर का उपयोग क्या है।
Table of Contents
3D Printer क्या है | What is 3D Printer in hindi
दोस्तों, 3D प्रिंटर एक प्रकार की मशीन है जो डिज़ाइन किए गए 3D मॉडल को रियल ऑब्जेक्ट्स में बदलती है। यह प्रोसेस usually एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग नाम से जानी जाती है, जहां Material को लेयर बाय लेयर जोड़कर ऑब्जेक्ट का निर्माण किया जाता है। 3D प्रिंटर के कुछ मुख्य भाग भी होते है। जैसे की प्रिंट हेड होता है जो Material को पिघलाकर लेयर बाय लेयर जमा करता है। 3D प्रिंटर कितने प्रकार के होते है? ये भी इस आर्टिकल में डिटेल बताया है।
बिल्ड प्लेटफार्म एक surface होता है जिस पर वस्तु का निर्माण होता है। फिलामेंट ये एक 3D प्रिंटर में उपयोग होने वाली Material है, जो प्लास्टिक, रेजिन, धातु, आदि हो सकती है और एक मूवमेंट मैकेनिज्म होता है जो एक्स, वाई, और जेड axis में प्रिंट हेड और बिल्ड प्लेटफॉर्म को मूव करता है।
3D प्रिंटर कितने प्रकार के होते है | Types of 3D Printer in hindi
ये 3D प्रिंटर कई प्रकार के होते हैं, और इनका classification उपयोग की जाने वाली techniques और Material के आधार पर किया जाता है। निचे सब 3D प्रिंटर के प्रकार बताये है।
1. Fused Deposition Modeling (FDM)
यह सबसे सामान्य और सुलभ 3D प्रिंटर प्रकार है। इसमें थर्मोप्लास्टिक फिलामेंट को गरम करके लेयर बाय लेयर जमा किया जाता है। इसका उदाहरण PLA(Polylactic Acid), ABS(Acrylonitrile Butadiene Styrene), PETG(Polyethylene Terephthalate Glycol-Modified) ये है।
2. Stereolithography (SLA)
इसमें liquid रेजिन को एक लेज़र बीम की मदद से hard किया जाता है। यह बहुत ही उच्च रिज़ॉल्यूशन और फाइन डिटेल्स प्रदान करता है। इसका उदाहरण रेजिन है।
3. Digital Light Processing (DLP)
यह भी रेजिन बेस्ड प्रिंटर है, परंतु इसमें डिजिटल प्रोजेक्टर का उपयोग करके एक बार में पूरी लेयर को hard किया जाता है। इसका भी उदाहरण रेजिन ही है।
4. Selective Laser Sintering (SLS)
इसमें पाउडर बेस्ड Material का उपयोग किया जाता है। एक लेज़र बीम पाउडर को hard करता है और लेयर बाय लेयर ऑब्जेक्ट बनाता है। इसके उदाहरण नायलॉन, पॉलीमर्स ये है।
5. Selective Laser Melting (SLM)
यह Metal के Material का उपयोग करता है। एक लेज़र बीम धातु पाउडर को पिघलाकर हार्ड करता है। इसके उदाहरण स्टील, एल्यूमीनियम ये है।
6. Electron Beam Melting (EBM)
यह भी Metal प्रिंटिंग के लिए उपयोग होता है, परंतु इसमें इलेक्ट्रॉन बीम का उपयोग किया जाता है। टाइटेनियम, कोबाल्ट क्रोमियम ये इसके उदाहरण है।
7. Material Jetting (MJ)
इसमें प्रिंटर हेड से लिक्विड फोटोपॉलिमर की बूंदें छोड़ी जाती हैं और UV लाइट से हार्ड की जाती हैं। फोटोपॉलिमर ये इसका उदाहरण है।
8. Binder Jetting
इसमें पाउडर बेस्ड Material का उपयोग होता है, और लिक्विड बाइंडर का उपयोग करके पाउडर को हार्ड किया जाता है। सैंडस्टोन, प्लास्टिक, धातु ये उदाहरण है।
9. Direct Energy Deposition (DED)
इसमें Material, Metal या सिरेमिक को नोजल से बाहर निकाला जाता है और लेज़र, इलेक्ट्रॉन बीम, या प्लाज़्मा आर्क द्वारा हार्ड किया जाता है। इसके उदाहरण धातु, सिरेमिक ये है।
10. Laminated Object Manufacturing (LOM)
इसमें शीट्स ऑफ़ मटीरियल्स पेपर, प्लास्टिक, धातु की लेयर्स को काटकर चिपकाया जाता है। इसके उदाहरण पेपर, प्लास्टिक ये है।
3D प्रिंटर कैसे काम करता है | How does 3D Printer Work in hindi
3D प्रिंटर एक ऐसी मशीन है जो डिजिटल मॉडल को वास्तविक 3 -dimensional वस्तुओं में बदलने के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया का उपयोग करती है। यह प्रक्रिया वस्तु को लेयर बाय लेयर बनाकर काम करती है। यहाँ 3D प्रिंटर कैसे काम करता है इस प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन किया गया है।
डिजाइन
सबसे पहले, 3D मॉडल को कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन (CAD) सॉफ्टवेयर की मदद से डिज़ाइन किया जाता है। इस डिज़ाइन को STL (Stereolithography) या अन्य 3D फाइल फॉर्मेट में save किया जाता है।
स्लाइसिंग
डिज़ाइन फाइल को स्लाइसिंग सॉफ्टवेयर में इम्पोर्ट किया जाता है, जो 3D मॉडल को कई पतली लेयर्स में divide करता है। स्लाइसिंग सॉफ्टवेयर G-code जनरेट करता है, जो प्रिंटर को बताता है कि प्रत्येक लेयर को कैसे और कहाँ प्रिंट करना है।
प्रिंटिंग
स्लाइसिंग के बाद, G-code फाइल को 3D प्रिंटर में भेजा जाता है। प्रिंटर हेड या एक्सट्रूडर फिलामेंट जैसे PLA, ABS, PETG को गरम करता है और इसे लेयर बाय लेयर जमा करता है। बिल्ड प्लेटफॉर्म धीरे-धीरे नीचे की ओर मूव होता है या प्रिंटर हेड ऊपर की ओर मूव होता है, जिससे अगली लेयर जमा हो सके।
लेयरिंग
प्रिंटर हेड एक-एक लेयर को जोड़ते हुए मॉडल का निर्माण करता है। हर नई लेयर पिछले लेयर के ऊपर जमा होती है और धीरे-धीरे पूरी ऑब्जेक्ट तैयार होती है। प्रत्येक लेयर का Thickness माइक्रोमीटर में मापी जाती है, जिससे वस्तु की फाइन डिटेल और रिज़ॉल्यूशन निर्धारित होता है।
पोस्ट-प्रोसेसिंग
प्रिंट पूरा होने के बाद, ऑब्जेक्ट को बिल्ड प्लेटफॉर्म से हटाया जाता है। आवश्यकतानुसार, किसी अतिरिक्त मटेरियल को हटाया जाता है, सैंडिंग की जाती है, या पेंटिंग की जाती है ताकि वस्तु को फिनिशिंग टच दिया जा सके।
3D प्रिंटर का उद्देश्य क्या है | What is the purpose of a 3D printer in hindi
3D प्रिंटर का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में वस्तुओं के निर्माण की प्रक्रिया को आसान, तेज़, और अधिक accurate बनाना है।
सामान्य प्रिंटर और 3D प्रिंटर में क्या अंतर है | What is the difference between a normal printer and a 3D printer in hindi
सामान्य प्रिंटर (2D Printer) | 3D प्रिंटर |
2-Dimensional छपाई का काम करता है। | 3-Dimensional वस्तुओं का निर्माण करता है। |
इसमें इंक या टोनर जैसे मटेरियल का उपयोग होता है। | इसमें थर्मोप्लास्टिक, रेजिन, धातु, आदि जैसे मटेरियल का उपयोग होता है। |
इसमें इंक को कागज पर जमा किया जाता है। | इसमें सामग्री को लेयर बाय लेयर जमा किया जाता है। |
इसमें टेक्स्ट, इमेज, ग्राफिक्स में आउटपुट मिलता है। | इसमें भौतिक वस्तु, प्रोटोटाइप, मॉडल में आउटपुट मिलता है। |
कागज, इंक, टोनर की आवश्यकता होती है। | फिलामेंट, रेजिन, प्रिंट बेड, आदि की आवश्यकता होती है। |
घर, ऑफिस, स्कूल में उपयोग किया जाता है। | उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा, अनुसंधान, कला, आदि में उपयोग किया जाता है। |
ड्राइवर सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। | CAD सॉफ्टवेयर, स्लाइसिंग सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। |
3D प्रिंटर की विशेषताएं क्या है | What are the features of 3D printer in hindi
3D प्रिंटर की विशेषताएं इसे अन्य प्रिंटिंग और मैन्युफैक्चरिंग techniques से अलग और उपयोगी बनाती हैं। निचे 3D प्रिंटर की कुछ प्रमुख विशेषताएं दी गई हैं:
- कस्टमाइजेशन
- कॉम्प्लेक्स जोमेट्री
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग
- प्रोटोटाइपिंग
- कम कॉस्ट
- Material की विविधता
- डिज़ाइन फ्रीडम
- सस्टेनेबिलिटी
- इजी टू यूज़
- रीप्रोड्यूसिबिलिटी
3D प्रिंटर का उपयोग क्या है | What is the use of 3D printer in hindi
3D प्रिंटर का उपयोग क्या है, ये 3D प्रिंटर प्रोडक्ट डिज़ाइन और विकास के लिए त्वरित प्रोटोटाइप बनाए जाते हैं, जिससे डिज़ाइन के परीक्षण और सुधार में मदद मिलती है। कस्टमाइज़्ड और छोटे प्रोडक्ट रन के लिए विशेष भागों का निर्माण किया जाता है। इसका उपयोग करके सर्जरी की योजना बनाने और अभ्यास करने के लिए सर्जिकल गाइड्स और मॉडल्स बनाए जाते हैं। हल्के और मजबूत भागों का निर्माण, जिससे वाहन और विमान अधिक ईंधन-कुशल बनते हैं।
इस प्रिंटर की मदद से शिक्षा क्षेत्र में मॉडल और प्रोटोटाइप का उपयोग करके छात्रों को concepts को बेहतर ढंग से समझाया जाता है। कलाकार और डिज़ाइनर अद्वितीय और complex कला कृतियों और डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स का निर्माण करते हैं। आर्किटेक्चरल मॉडल्स और मिनिएचर बिल्डिंग्स का निर्माण, जो डिज़ाइन की प्रस्तुति और परीक्षण में मदद करते हैं। खाद्य सामग्री का उपयोग करके कस्टमाइज़्ड खाने के आइटम्स, जैसे चॉकलेट, केक, और अन्य खाद्य पदार्थ की फ़ूड प्रिंटिंग कियी जाती है।
3D Printing के लिए भविष्य क्या है | What does the future hold for 3D printing in hindi
3D प्रिंटिंग technique को और अधिक तेज और कुशल बनाकर बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव हो सकेगा। मरीजों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कस्टमाइज़्ड इम्प्लांट्स और चिकित्सा उपकरणों का निर्माण होगा। 3D प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके पूरी इमारतों का निर्माण संभव होगा, जिससे निर्माण की गति तेज होगी और cost में कमी आएगी। फैशन इंडस्ट्री में कस्टमाइज़्ड कपड़े और एक्सेसरीज का निर्माण होगा। शिक्षा में 3D प्रिंटिंग का व्यापक उपयोग, जिससे छात्रों को concepts को व्यावहारिक रूप से समझने में मदद मिलेगी। खाने-पीने की वस्तुओं का प्रिंटिंग, जिससे कस्टमाइज़्ड और न्यूट्रिशनल फूड प्रोडक्ट्स बनाए जा सकें। विकासशील देशों और समुदायों में 3D प्रिंटिंग technique की उपलब्धता, जिससे स्थानीय उत्पादन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
FAQ’s
3D प्रिंटर कौन सा डिवाइस है?
डी प्रिंटर एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित हैं। 3डी प्रिंटर किसी डिज़ाइन को समझने के लिए कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन का उपयोग करते हैं।
3D प्रिंट में कितना खर्च होता है?
3डी प्रिंटिंग की लागत $3 से लेकर हजारों डॉलर तक हो सकती है।
3D प्रिंटर कौन सी कंपनी बनाती है?
Creality, Elegoo, Anycubic, और Voxelab जैसे कई ब्रांड बेस्ट 3D प्रिंटर बनाते हैं।
3D प्रिंटर की cost कितनी है?
3डी प्रिंटर की कीमतें प्रिंटिंग प्रक्रिया, सामग्री और 3डी प्रिंटिंग समाधान के sophistication के स्तर के आधार पर लगभग $200 से $500,000+ तक होती हैं।
Types of 3D Printer List
1. Fused Deposition Modeling (FDM)
2. Stereolithography (SLA)
3. Digital Light Processing (DLP)
4. Selective Laser Sintering (SLS)
5. Selective Laser Melting (SLM)
6. Electron Beam Melting (EBM)
7. Material Jetting (MJ)
8. Binder Jetting
9. Direct Energy Deposition (DED)
10. Laminated Object Manufacturing (LOM)
Conclusion
दोस्तो उम्मीद करते है कि आप को हमारा यह Article अच्छा लगा होगा। आशा करते है की आपको 3D Printer क्या है और सामान्य प्रिंटर और 3D प्रिंटर में क्या अंतर है इसकी जानकारी समझ आ गई होगी। आपको इसके बारे में पूरी जानकारी इस Article में मिली होगी। यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधारना होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीचे Comments में बता सकते हैं। आपको यह Article कैसा लगा हमें Comment मे जरूर बताना।
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