दोस्तो आज के इस article मे हम NASA की जानकारी और क्या काम करता है ? ( Information of NASA and What Works in Hindi ) जानने की कोशिश करेंगे.पुरी दुनिया विकास के ओर अपना कदम बढ़ा रही है. दुनिया अब बहुत बडे मुकाम पर पहूच चुकी है. हर कोई अपने क्षेत्र मे सफलता के ओर कदम रख रहा है. कोई चांद पर जा रहा है, अंतरिक्ष मे कुछ नये खोज हो रही है. अक्सर हमे अंतरिक्ष के बारे मे जानने की जिज्ञासा रहती है. अंतरिक्ष मे क्या होता है ? अंतरिक्ष कैसा होता है ? और पता नही बहुत कुछ जो हम जानने मे रुची रखते है.
तो दोस्तों इन सभी सवाल के जवाब एक ऐसी संस्था देती है. उन संस्था का वास्ता अंतरिक्ष और उससे जुडी सभी खोज से है. उसका नाम है – NASA आप सबने NASA के बारे मे सुना ही होगा पर इसके बारे मे ऐसी बहुत कुछ बाते है जो आप नही जानते होगे. तो दोस्तो फिकर करने की कोई जरूरत नही आज इस article NASA की जानकारी और क्या काम करता है ? ( Information of NASA and What Works in Hindi ) मे हम आपको NASA के बारे मे जुडी सभी रोचक जानकारी देंगे.
Table of Contents
NASA क्या है ? ( What is NASA? )
NASA यह संयुक्त राज्य अमेरिका की स्वतंत्र शाखा ( branch ) है. जो satellite के माध्यम से अंतरिक्ष research करती है. NASA का मुख्य कार्य अंतरिक्ष के कार्यक्रम और aeronautics के बारे मे research करना है. NASA मे satellite तयार किया जाता है जिसकी मदद से scientists पृथ्वी के साथ और ग्रह का भी research करते है.
अंतरिक्ष युग की शुरुआत तब हुई जब सोवियत संघ ने अपना satellite Sputnik का प्रक्षेपण कर के अंतरिक्ष में भेजा था. यहा आप समजे NASA क्या है ? ( What is NASA ? ) NASA के बारे मे और देखते है.
NASA Full Form
NASA का Full Form : National Aeronautics And Space Administration
NASA Full Form in Hindi : राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन
NASA ki स्थापना ( When NASA established in Hindi ? )
दुनिया को अंतरिक्ष के बारे मे जानकारी देने वाली यह संस्थान की स्थापना 29 july 1958 में हुई थी. अंतरिक्ष मे सबसे ज्यादा satellite भेजने वाला यह संस्थान है . इस संस्थान की स्थापना करने के पीछे का मुख्य उद्देश्य अमेरिका को अंतरिक्ष exploration में आगे बढ़ाना और साथ ही Aeronotics research के क्षेत्र में अमेरिका को विकसित करना था.
NASA ने अंतरिक्ष से जुड़े बहुत रहस्यो के बारे में पुरी दुनिया को जानकारी दि है और मनुष्य का कदम पहली बार चांद पर रखने का श्रेय NASA को जाता है. इस तरह से NASA की स्थापना हुई है.
NASA का मुख्यालय ( headquarter ) कहा है ?
अंतरिक्ष के बारे मे बताने वाला NASA का मुख्यालय ( headquarter ) संयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन डी सी ( Washington DC. ) मे है .
NASA के अध्यक्ष कौन है ?
भारत की भव्या लाल ( Bhavya Lal ) को अमेरिका के राष्ट्रपति (US President Joe Biden) ने भव्या लाल को अमेरिका के अंतरिक्ष Agency (NASA) का कार्यकारी प्रमुख नियुक्त किया है . भव्या इस वक्त अमेरिका के राष्ट्रपती ( Joe Biden ) प्रशासन के अंतर्गत Agency में परिवर्तन संबंध के कार्यों की देखरेख कर रही हैं.
NASA का Motto
For the Benefit of All – सभी के लाभ के लिए
Official website of NASA
NASA logo
NASA की जानकारी – Information Of NASA in Hindi
स्थापना | जुलाई 29, 1958 |
पूर्ववर्ती संस्थाएं | एन.ए.सी.ए (1915–1958) |
अधिकार क्षेत्र | अमेरिकी सरकार |
मुख्यालय | वॉशिंग्टन डी सी |
कर्मचारी | 18,800+ |
वार्षिक बजट | US$22.6 billion (FY 2020) |
संस्था कार्यपालकगण | Bill Nelson, प्रबंधक Pamela Melroy, डेप्युटी प्रबंधक |
NASA क्या काम करती है ?
- NASA बहुत सारे काम करती है जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं. अंतरिक्ष यात्री ग्रहों और उपग्रहों की Orbit में वैज्ञानिक research करते कृत्रिम उपग्रहों की मदद से वैज्ञानिक research करके पृथ्वी से जुड़ी अधिक जानकारियां एकत्रित करते हैं.
- NASA अपने एक नए कार्यक्रम के जरिए चांद और मंगल ग्रह का पता लगाने के लिए मनुष्य को भेजने की तैयारी कर रही है.
- NASA को प्राप्त हुई सभी जानकारी NASA लोगो के साथ विस्तार करती है.
- NASA युवा छात्र को पढ़ाने के लिए अध्यापकों की मदद करती है ताकि भविष्य में NASA को नए engineers, scientist और astronauts दे सके.
- NASA की एक परंपरा रही है कि वह उसी Activities में निवेश करती है जिनसे educators, students और communities को नई खोज करने की प्रेरणा मिलती है.
NASA का इतिहास ( History Of NASA )
अमेरिका की कांग्रेस द्वारा 19 july 1958 के दिन एक कानून पास किया जिसके द्वारा NASA की स्थापना हुई. तब से NASA ने मनुष्य और उपग्रहों की मदद से सौर solar system और universe के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध की है. बहुत से उपग्रह पृथ्वी की कक्षा ( Orbit ) में स्थापित किए जो मौसम के पूर्वानुमान से लेकर global communication में सहायक बने.
4 October 1957 के दिन सोवियत संघ ने पहला अंतरिक्ष उपग्रह ( Satellite) Sputnik- I launch कर दिया. वह 183 पौंड , एक basketball के आकार का उपग्रह था और 98 minutes के अंदर पृथ्वी की कक्षा में सेट हो गया. सोवियत संघ की कामयाबी से अमेरिका हैरान हो गया और साथ उनके मन मे एक डर पैदा हो गया, सोवियत अब मिसाइल के द्वारा यूरोप से अमेरिका तक nuclear शस्त्र का उपयोग कर सकता है. इसी के जवाब में अमेरिका ने अपने यहा NASA की स्थापना की जिसके बाद दोनों देशों के अंदर अंतरिक्ष स्पर्धा शुरू हो गई.
03 November 1957 के दिन सोवियत संघ ने दूसरा उपग्रह Sputnik II launch किया. उसमे Laika नाम की एक कुतिया को अंतरिक्ष में भेजा था. दिसंबर में अमेरिका ने अपना उपग्रह launch करने की कोशिश कि, उसका नाम Vanguard था, पर यह उपग्रह takeoff के तुरंत बाद नष्ट हो गया.
31 अक्टूबर, 1958 को अमेरिका ने फिरसे कोशिश कि और Explorer I नाम का अपना पहला उपग्रह सफलता के साथ पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया. उसी वर्ष 1958 जुलाई में, कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से Aeronautics और सरकारी Agency के लिए राष्ट्रीय समिति से NASA की स्थापना की.
1961 मई मे , अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति John F. Kennedy ने घोषणा की, अमेरिका चांद पर एक मनुष्य भेजेगा. 20 जुलाई, 1969 को NASA के Apollo 11 Mission ने Neil Armstrong को चांद पर भेजा और वह चांद पे जाने वाले पहले इंसान बनकर नया इतिहास रच दिया, जिसे आज भी लोगों मे और किताबो द्वारा याद किया जाता है.
इसके बाद भी NASA ने बहुत नए आयाम स्थापित किए, उसमे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष Station का निर्माण एक मुख्य उपलब्धि शामिल है. इसके साथ ही संस्थान ने कुछ बुरे अनुभव भी देखे हैं, 1986 में Challenger Space Shuttle और 2003 में Columbia Space Shuttle द्वारा चालकदल का मरना NASA के लिए बहुत दुःखदायक घटना थी. इस तरह NASA ने अपना इतिहास (History) रचा
NASA के 10 Mission
अब तक आपने देखा NASA क्या है?, NASA की स्थापना कैसे हुई?, NASA क्या काम करती है?, NASA का इतिहास क्या है?. अब हम जानेंगे NASA की क्या उपलब्धिया है जो अपने आप मे ही बहुत खास है जिसने दुनिया को अंतरिक्ष से जुडणे के लिये बहुत बडा योगदान दिया है. तो चलिए देखते है NASA के 10 Mission
Project Mercury
इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का यह NASA का पहला Mission था. 1961 से 1963 के बीच 25 उड़ाने भरी, उनमे से 6 उड़ानों में अंतरिक्ष यात्री शामिल थे. पृथ्वी के कक्षा में मानव अंतरिक्ष यान की परिक्रमा करना यह इस Mission का मुख्य उद्देश्य था. अंतरिक्ष में मानव की कार्य क्षमता की जांच करना और अंतरिक्ष यात्री और यान को सफलतापूर्वक धरती पर वापस लाना था. इस मिशन ने बताया कि मानव का भार सहित उड़ान के लिए 34 घंटों तक अंतरिक्ष में काम कर सकता है.
Gemini Program
इस Mission के द्वारा machines प्रक्रियाओं का परीक्षण किया गया और भविष्य के Apollo Mission के लिए अंतरिक्ष यात्रियों और स्थलीय दल को Training दी गई. लंबी उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यात्री की कार्य क्षमता की जांच करना और यह पता लगाना कि कैसे कोई अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए किसी अलग वाहन से ठीक समय पर मिल सकता है और उसमे समा सकता है. 03 जुलाई, 1965 को NASA के अंतरिक्ष यात्री Ed White ने पहली बार अंतरिक्ष मे spacewalk किया था और वह पहले अमेरिकी बने जिन्होंने अंतरिक्ष मे spacewalk किया.
Apollo Program
Apollo द्वारा ही इंसान ने पहली बार चांद पर अपना कदम रखा और सुरक्षित तरीके से वापस धरती पर लौट आया. इसके साथ ही Apollo Program ने अंतरिक्ष में दूसरे राष्ट्र हितों को पूरा करने के लिए तकनीक भी विकसित की. इस कार्यक्रम के तहत चांद का वैज्ञानिक Exploration किया और चांद के बाहरी वातावरण में काम करने के लिए मानव की क्षमताओं का विकास किया गया.
Skylab
यह अमेरिका का पहला space station था, जिसे NASA द्वारा Launch किया गया था. इसमें 4 solar arrays को Apollo Telescope Mount के साथ जोड़ा था. सूर्य ( Sun ) का observation इस Mission की उपलब्धियों में से एक था.
Pioneer
1972 और 1973 में Pioneer 10 और Pioneer 11 को launch किया गया. ये पहले ऐसे अंतरिक्ष यान थे जो सौर मंडल (solar system) के सबसे बड़े फोटोजेनिक गैस से बने ग्रहों (Planet) बृहस्पति (Jupiter) और शनि (Saturn) पर पहुंचे.
सौरमंडल ( solar system) के asteroid belt (बृहस्पति (Jupiter) और मंगल (Mars) ग्रह के बीच का ऐसा क्षेत्र जहा चट्टानें (astronauts) परिक्रमा करती है) तक पहुंचने वाला पहला यान Pioneer 10 था. करीब 2½ साल बाद बृहस्पति (Jupiter) ग्रह पर पहुंच कर वहां उपस्थित great red spot की तस्वीरें (photo) भेजने वाला यान Pioneer 10 था.
बृहस्पति (Jupiter) पर 1 वर्ष रहने के बाद यह यान शनि (Saturn) ग्रह पर पहुंच गया. जहा पहुंचने के बाद इस यान ने शनी (saturn) के चारों और छोटे चांद के जोड़े की खोज की. साथ ही एक बड़े छले की जानकारी भी दि.
Apollo Soyuz Test Project
1970 में अमेरिका और सोवियत के बीच राजनीतिक तनाव पर था जिसके चलते दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष की स्पर्धा शुरू हुई. इसी competition ने Apollo Soyuz Test Project के साथ दोनों देशों के बीच सहयोग का रास्ता दिखाया.
Viking
1976 में ग्रह मंगल की सतह (surface) पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान Viking 1 Probe था. यह पहला कृत्रिम (Artificial) यान था जिसने मंगल ग्रह की सतह (surface) को पहली बार छुआ था. Viking 1 ने मंगल (Mars) ग्रह पर 6 साल और 116 दिन का समय बिताकर, किसी ग्रह पर सबसे अधिक समय बिताने का record भी अपने नाम किया है. इसके पहले Soviat 2 और 3 द्वारा इसकी मंगल ग्रह की सतह (surface) परउतरने की कोशिश कि गई पर वे landing नहीं कर सके और असफल रहे.
Vyogar
NASA द्वारा Launch किए जाने वाले Vyogar 1 और Vyogar 2 ने शनि (Saturn) और बृहस्पति (Jupiter) ग्रहों के बारे में कई महत्वपूर्ण जनकारी दी. बृहस्पति (Jupiter) के चारों ओर फैले छलों के बारे में बताया.
चांद पर उपस्थित ज्वालामुखी की जानकारी भेजी. युरेनस (Uranus) के नजदीक पहुंचकर उसके 10 चांद की जानकारी देने वाला भी Vyogar था. Neptune की खोज भी Vyogar द्वारा ही की थी. ये 2 यान 2025 तक लगातार signal भेजने में capable हैं ऐसा NASA ने बताया है.
Hubble
NASA का यह यान बहुत प्रसिद्ध है. यह यान 1990 मे launch हुआ यह हमे ग्रहों, उपग्रहों, सितारों और आकाशगंगाओं से जुड़ी जानकारी NASA को भेजता है.
Spitzer
इस spacecraft ने infrared का उपयोग करते हुए आकाश के बहुत से राज से पर्दा उठाया. यह यान ने सितारों, आकाशगंगाओं की तस्वीरें (photos) बेहतर quality के साथ भेजी है.
Conclusion
दोस्तो उम्मीद करते है कि आप को हमारा यह Article अच्छा लगा होगा. आशा करते है की आपको NASA की जानकारी और क्या काम करता है ? (Information of NASA and What Works in Hindi) इसकी जानकारी समझ आ गई होगी. आपको इसके बारे में पूरी जानकारी इस Article में मिली होगी.
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